अजीर्ण

अजीर्ण

अजीर्ण रोग के प्रारंभ में रोगी को कुछ पता नहीं चलता। जब अजीर्ण के कारण भोजन की इच्छा नही होती, स्वादिष्ट खाद्य पदार्थो को देखकर अरूचि होती है और उदर हर समय भरा-भरा अनुभव होता है। तो अजीर्ण रोग का पता चलता है। अजीर्ण रोग के चलते रोगी शारीरिक रूप से बहुत कमजोर हो जाता है।

लक्षण :-
  • अजीर्ण रोग में भूख एकदम नष्ट हो जीती है। अजीर्ण होने से वक्षस्थल (छाती) में बहुत जलन होती है। खट्टी डकारें आने से जी मिचलाता है।
  • वमन विकृति भी होने लगती है। भोजन से अरूचि हो जाती है।
  • अजीर्ण रोग की उग्रावस्था में सिर में चक्कर, नेत्रों के समाने अंधेरा व प्रलाप के लक्षण भी प्रकट होते है। अजीर्ण के रोगी रक्ताल्पता के शिकार होते हैं। रक्त नहीं बनने से शारीरिक निर्बलता तेजी से विकसित होती है|
  • उदर में वायु एकत्र होने से आध्यमान (अफारे) की विकृति होती है। उदर में शूल होता है। हदय जोरों से धड़कता है और रोगी को बहुत बेचैनी होती है।
  • अजीर्ण की चिकित्सा में विलम्ब करने से पेट में गैस बनने लगती है। अजीर्ण रोग में कोष्ठबद्धता (कब्ज) अधिक होती है। आंत्रों में मल के एकत्र होने से अधिक परेशानी होती है। आंत्र शूल, अम्लपित्त और ज्वर भी हो सकता है।

इन चीजों से परहेज करे :-

  • भोजन करने के बाद अधिक जल का सेवन न करें।
  • उष्ण मिर्च-मसाले व अम्ल रस से बने खाद्य पदार्थो का सेवन न करें।
  • घी, तेल, मक्खन से बने खाद्य पदार्थो का सेवन न करें।
  • चाय, शराब और कॉफी का सेवन बिल्कुल न करें।
  • बीड़ी-सीगरेट का इस्तेमाल न करें।

घरेलु उपाय :-

  • भूख न लगे, अजीर्ण हो, खट्टी डकार आती हो, तो एक निम्बू आधा गिलास पानी में निचोड़कर शक्कर (चीनी) मिलाए और नित्य पिए |
  • एक चम्मच अदरक का रस , निम्बू,सैंधा नमक एक गिलास पानी में मिलाकर पिए |
  • अनन्नास की फाँक पर नमक और काली मिर्च(पीसी हुई) डाल कर खाने से अजीर्ण दूर जाता है |
  • अजीर्ण में पपीता खाना भी हितकर है |
  • प्याज का रस एक चम्मच दो-दो घंटे के अंतर से पीने से बदहमजी ठीक हो जाती है अथवा लाल प्याज काटकर और उस पर निम्बू निचोड़कर भोजन के साथ खाने से अजीर्ण दूर होता है | बच्चों को अजीर्ण में प्याज के रस की पांच बुँदे पिलाने से लाभ होता है |
  • छोटी हरड़ का बारीक चूर्ण बनाकर आधा-आधा चम्मच की मात्रा में दिन में दो बार खाया जाता है । यदि इसके साथ लगभग 5-10 ग्राम पुराने गुड़ का भी सेवन किया जाये तो यह प्रयोग अजीर्ण रोग में बहुत ही उत्तम लाभ करता है ।
  • मेथी को पीस कर चूर्ण बना लें | इस चूर्ण को दिन में तीन बार 1-1 चम्मच गर्म पानी से खाने से अपच , पेटदर्द व भूख न लगना आदि दूर होता है |

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