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ज्वर ( बुखार )

बुखार

बुखार

बुखार क्या है :-

ज्वर ( बुखार ) आज कल आम तोर पर हर व्यक्ति को हो जाता है बुखार भी कई तरीके का होता है जेसे वायरल फीवर, मलेरिया, मोतीजीरा, लंगड़ा बुखार इत्यादि जो भी व्यक्ति इनकी चपेट में आ जाता है तो उसको कई परेसानियो का सामना करना पड़ता है कुछ बुखार इसे भी है जो बहुत दिनों तक जाते नहीं है जिनसे व्यक्ति बहुत ही कमजोर हो जाता है तथा उसकी प्लेट बी डाउन हो जाती है जिससे व्यक्ति को जान का खतरा हो जाता है कुछ लोग इतने लापरवाह होते है जो इसकी तरफ ध्यान नहीं देते और उनको बाद में इस समस्या का सामना करना पड़ता है तो भाइयो जब भी आपको बुखार हो तो घबराएँ नहीं और नहीं डॉ. के पास जाएँ बस इन आयुर्वेदिक दवाइयों का प्रयोग करें जो आपको नीचे बताई गयीं है |

बुखार को कैसे नापते है :-

जब व्यक्ति के शरीर का ताप सामान्य से अधिक हो जाये तो उस दशा को ज्वर या बुख़ार (अंग्रेजी मैं  फीवर) कहते है। कुछ लोग समझते हैं की बुखार एक रोग है भाइयो यह रोग नहीं है  बल्कि एक लक्षण (सिम्टम्) है जो बताता है कि शरीर का ताप नियंत्रित करने वाली प्रणाली ने शरीर का वांछित ताप (सेट-प्वाइंट) १-२ डिग्री सल्सियस बढा दिया है। मनुष्य के शरीर का सामान्‍य तापमान ३७°सेल्सियस या ९८.६° फैरेनहाइट होता है। जब शरीर का तापमान इस सामान्‍य स्‍तर से ऊपर हो जाता है तो यह स्थिति ज्‍वर या बुखार कहलाती है। ज्‍वर कोई रोग नहीं है। यह केवल रोग का एक लक्षण है। किसी भी प्रकार के संक्रमण की यह शरीर द्वारा दी गई प्रतिक्रिया है। बढ़ता हुआ ज्‍वर रोग की गंभीरता के स्‍तर की ओर संकेत करता है।

बुखार के लक्षण :-

1. मरीज को शरीर में थकावट सी महसूस होती है।

2. सर भारी -२ सा होने लगता है।

3. कोई भी चीज खाने में स्वाद नहीं लगती।

4. सर में दर्द भी होता है |

5. शरीर कमजोर पड़ जाता है |

6. लंगड़े बुखार में लंगड़ा पन आना शुरू हो जाता है |

बुखार आने के कारण :-

बुखार निम्नलिखित कई कारणो से होता है :

1. मौसम में एक साथ परिवर्तन आने से।

2. शरीर में ज्यादा थकावट के कारण।

3. सबसे मैन कारण है चिंता।

4. भोजन समय पर न करना।

5. जुकाम से भी बुखार चढ़ जाता है |

6. दूषित भोजन का सेवन करके |

7. मलेरिया रोग का होना |

8. तपेदिक (टी.बी.) का रहना |

9. श्‍वसन संबंधी संक्रमण जैसे न्‍युमोनिया एवं सर्दी, खाँसी, टॉन्सिल, ब्राँन्‍कायटिसआदि।

 

बुखार के घरेलू उपाय  :-

1. तुलसी से उपचार :-

एक तुलसी जिसका नाम है श्यामा तुलसी जिसके पत्ते हरे गहरे होते है इसका काढ़ा बनाकर पीना है

काढ़ा बनाने का तरीका :- सबसे पहले थोड़ा पानी गैस पर रख दो गर्म होने के लिए फिर उसमे तुलसी के पत्ते डाल दो थोड़ा सा पानी को उबाले फिर उसको थोड़ा सा ठंडा करके रोगी को पिला दे इससे बुखार उतर जाता है अथार्त बुखार में राहत मिलती है।

2. अदरक के काढ़े से उपचार :-

जिनको बुखार है वो काढ़े में अदरक का रश मिलाकर उसको पीने से भी बुखार उतर जाता है।

3नीम की छाल से उपचार :- जिन व्यकितियो को बहुत तेज बुखार है वो इस काढ़े में नीम की छाल का पाउडर मिला के इसका सेवन करें। इसका सेवन करने से तेज से तेज बुखार भी उतर जाता है।

4. नमक के पानी से उपचार :- साधारण बुखार में एक कटोरी में पानी लेकर उसे गुनगुना करके उसमे चुटकी भर नमक सलकर पियें, इस नुस्खे को दिन में ३-४ बार करने से लाभ होता है |

 

बुखार में परहेज बनाएँ :-

1. रोगी को ठन्डे पधार्त का  सेवन नहीं करना चाहिए |

2. तली हुई चीजो का सेवन बिलकुल न करें |

3. समय पर ही खाना खाएं |

4. तीखे मिर्च मसालों का सेवन भी न करें |

5. बहार की चीजे जेसे पिज़्ज़ा, बर्गर, पेटीज, कोल्ड ड्रिंक, इत्यादि का सेवन बिलकूल भी न करें |

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