भस्मक

भस्मक

भस्मक रोग एक प्रकार का ऐसा रोग है जिसमें रोगी हर समय खाता ही रहता है। रोगी जितना भी खाना खा ले उसे ऐसा लगता है कि उसने अभी तो कुछ भी नहीं खाया है और वह बहुत अधिक खाने लगता है। यह रोग किसी भी व्यक्ति जवान, बूढ़े,बच्चे ,औरत,मर्द को किसी भी उम्र में हो सकता है।

भस्मक रोग के लक्षण :-

  • इस रोग के कारण रोगी व्यक्ति को बहुत अधिक भूख लगती है तथा वह थोड़ी-थोड़ी देर के बाद कुछ न कुछ खाने के लिए मांगता रहता है।

भस्मक रोग का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार :-

  • इस रोग का उपचार करने के लिए सबसे पहले रोगी व्यक्ति को एनिमा क्रिया के द्वारा पेट साफ करना चाहिए और इसके बाद दिन में 2 बार कटिस्नान करना चाहिए।
  • रात को सोते समय रोगी को अपनी कमर पर भीगी पट्टी लगाकर कुछ समय के लिए सोना चाहिए। ऐसा कुछ दिनों तक लगातार करने से भस्मक रोग ठीक हो जाता है।
  • इस रोग का इलाज प्राकृतिक चिकित्सा से करने के लिए सबसे पहले रोगी को कुछ दिनों तक रसाहार तथा फलाहार भोजन करना चाहिए और इसके बाद धीरे-धीरे सामान्य भोजन करना चाहिए।
  • इस रोग के रोगी को केले का गुदा ५० ग्राम और एक चम्मच शुद्ध घी दिन में दो बार सुबह-शाम खाना चाहिए |

 

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