आँख आना

आँख आना (Conjunctivitis)
Conjunctivitis एक आम वायरल इन्फ़ेक्शन है जो कभी-कभी बैक्टीरिया से भी होता है , इसे आम भाषा में आँख आना कहते हैं |
आँख आना के लक्षण :-
- आँख का लाल होना , दर्द होना और आँख से पानी आना इसके मुख्य लक्षण हैं |
- आँख आने पर आँखों में कुछ अटका हुआ सा प्रतीत होता है |
- आँखों में खुजली होना |
- आँखों से धुधला दिखाई देना |
- इस रोग में आँख खोलने से भी दर्द होता है और रोग के बढ़ने पर गाढ़ा -गाढ़ा पदार्थ भी निकलता है इसलिए रात में पलकें चिपक जाती हैं, जोकि पीड़ादायक है |
यह सावधानी बरतें :-
- यह एक संक्रामक रोग है , यह रोगी के तौलिये या रुमाल के इस्तेमाल से भी फैलता है |
- दिन में कम से कम ४ से ५ बार स्वच्छ पानी से आँखे सांफ करे |
- पीड़ित व्यक्ति के आँखों को छूने के बाद हर वक्त अपने हात अवश्य धोये |
- अपना चश्मा या दवा किसी और के साथ शेयर न करे |
कुछ घरेलू उपचार :-
- मुलहठी को दो घंटे तक पानी में भिगोकर रखें। उसके बाद उस पानी में रुई डुबोकर पलकों पर रखें , ऐसा करने से आँखों की जलन व दर्द में आराम मिलता है |
- आधे गिलास पानी में दो चम्मच त्रिफ़ला चूर्ण दो घंटे भिगोकर रखें | अब इसे छान लें ,इस पानी से दिन में 3 -4 बार छींटें मारकर आँखें धोने से लाभ होता है |
- नीम के पानी से आँख धोने के बाद आँखों में गुलाबजल डालें लाभ होगा |
- हरी दूब (घास ) का रस निकालें अब इस रस में रुई भिगोकर पलकों पर रखें ,आँखों में ठंडक मिलेगी |
- हरड़ को रात भर पानी में भिगोकर रखें | सुबह उस पानी को छानकर उससे आँख धोएं , आँखों की लाली और जलन दूर होगी |
- दूध पर जमी मलाई उत्तर लें, अब इसे दोनों पलकों पर रख कर ऊपर से रुई रखकर पट्टी बांध दें | यह प्रयोग रात को सोते समय करें ,लाभ होगा |
- गाय का कच्चा दूध ड्रापर से आँखों में दो-दो बुँदे टपकाना बहुत लाभकारी होता है
- प्रातःकाल उठते ही अपना बासी थूक भी संक्रमित आँखों पर लगा सकते हैं |
- २-३ दिन नमकीन-खट्टे पदार्थ खाना बंद कर दे | बहुत कम मात्रा में या बिलकुल नहीं खाए |