पीलिया

वायरल हैपेटाइटिस या जोन्डिस को साधारणत: लोग पीलिया के नाम से जानते हैं। यह रोग बहुत ही सूक्ष्म विषाणु (वाइरस) से होता है। शुरू में जब रोग धीमी गति से व मामूली होता है तब इसके लक्षण दिखाई नहीं पडते हैं, परन्तु जब यह उग्र रूप धारण कर लेता है तो रोगी की आंखे व नाखून पीले दिखाई देने लगते हैं, लोग इसे पीलिया कहते हैं।
जिन वाइरस से यह होता है उसके आधार पर मुख्यतः पीलिया तीन प्रकार का होता है वायरल हैपेटाइटिस ए, वायरल हैपेटाइटिस बी तथा वायरल हैपेटाइटिस नान ए व नान बी।
पीलिया में डॉक्टर से परामर्श लेना तो जरूरी है ही लेकिन आप कुछ घरेलू उपाय अपनाकर भी पीलिया से बेहतर ढंग से मात दे सकते हैं। इससे पहले जानते हैं पीलिया के लक्षण के बारे में-
रोग के लक्षण
रक्त की कमी, त्वचा और आंखों का पीला होना। कमजोरी, सिरदर्द व बुखार, मिचली, भूख न लगना, थकावट, कब्ज, आंख-जीभ-त्वचा और पेशाब का रंग पीला होना।
उपचार
- मूली के पत्तों का रस १०० ग्राम ले और २० ग्राम शक्कर में मिलाकर सुबह के वक्त १५-२० दिन पियें | दवा सेवन के दौरान खटाई से परहेज रखे |
- चने के बराबर फिटकरी (एलम) आग पर सेंक कर फुला ले और बारीक़ पीस ले | एक पका हुआ केला बीच में से आधा काट कर दो चीर कर ले और इस पर फिटकरी बुरककर दो भाग मिला ले | इसे प्रात: खाली पेट खा ले | सात दिन तक इस प्रकार एक केला रोज खाने से पीलिया ठीक हो जाता है |
- एक गिलास पानी में एक बड़ा चम्मच पिसा हुआ त्रिफला रात भर के लिए भिगोकर रख दें। सुबह इस
पानी को छान कर पी जाएँ। ऐसा 12 दिनों तक करें। - इस रोग से पीड़ित रोगियों को नींबू बहुत फायदा पहुंचाता है। रोगी को 20 ml नींबू का रस पानी के साथ दिन में 2 से तीन बार लेना चाहिए।
- धनिया के बीज को रातभर पानी में भिगो दीजिये और फिर उसे सुबह पी लीजिये। धनिया के बीज वाले पानी को पीने से लीवर से गंदगी साफ होती है।
- टमाटर में विटामिन सी पाया जाता है, इसलिये यह लाइकोपीन में रिच होता है, जो कि एक प्रभावशाली एंटीऑक्सीडेंट हेाता है। इसलिये टमाटर का रस लीवर को स्वस्थ्य बनाने में लाभदायक होता है।
- गन्ने का रस जब आप पीलिया से तड़प रहे हों तो, आपको गन्ने का रस जरुर पीना चाहिये। इससे पीलिया को ठीक होने में तुरंत सहायता मिलती है।
- दही आसानी से पच जाती है और यह पेट को प्रोबायोटिक प्रदान करती है। यह एक अच्छा बैक्टीरिया होता है जो जॉन्डिस से लड़ने में सहायक होता है।
- नीम के पत्तों को धोकर इनका रस निकाले। रोगी को दिन में दो बार एक बड़ा चम्मच पिलाएँ। इससे
पीलिया में बहुत सुधार आएगा।