अम्लपित्त/एसिडिटी के मुख्य लक्ष्ण :-
- भोजन का ठीक तरह से न पचना, थकवाट होना।
- खट्टी डकारें आना, उबकाई आना, पेट में जलन होना |
- खाना खाने का मन न होना |
- खाना खाने के बाद उल्टी आना |
- नीला या हरा पित्त निकलना |
- जी मिचलाना, सीने में जलन,गले में जलन होना |
- घबराहट होना, सांस लेने में परेशानी |
एसिडिटी होने के कारण क्या हैं?
- भूख न होने पर भी खाना खाते रहना
- बासी और वसायुक्त खाना खाने से
- पेशाब को देर तक रोके रखना
- चटपटे और खट्टे पदार्थों का सेवन करना
- नशीली चीजों का सेवन अधिक करना।
अम्लपित्त (एसिडिटी) दूर करने के घरेलु उपचार :-
- पपीते का सेवन : पपीते के रस का सेवन रोज करें। क्योंकि यह अम्लपित्त को दबा देता है। जिससे अम्लपित्त नहीं बनता है।
- अनार और अदरक : पांच ग्राम अनार का रस और पांच ग्राम अदरक के रस को बराबर मात्रा में मिलाकर पीने से एसिडिटी खत्म होती है।
- लौंग का सेवन : दोनों समय के भोजन के पश्चात् एक-एक लौंग चूसने से अम्लपित्त का दोष जाता है | लौंग अमाशय की रस-क्रिया को बल प्रदान करती है |
- नींबू का प्रयोग : अम्लपित्त में निम्बू बड़ा प्रभावशाली सिद्ध होता है | निम्बू का रस गरम पानी में डालकर सायंकाल पीने से अम्लपित्त नष्ट हो जाता है | एक कप गरम पानी और एक चम्मच निम्बू का रस एक-एक घंटे के अंतर से तीन बार ले , लाभ होगा |
- सब्जियां और दाल : मूंग की दाल, चावल, परवल, घिया, हरा धनिया और टिंडे का सेवन किसी न किसी रूप में करते रहें।
- मूली का रस : मिश्री को मूली के रस के साथ मिलाकर पीने से कुछ ही दिनों में अम्लपित्त रोग की समस्या दूर हो जाती है।
- आलू का प्रयोग : उबला या सिका हुआ आलू नियमित खाते रहने से थोड़े ही दिनों में आपकी अम्लपित्त की समस्या दूर हो जाएगी।
- सेंधा नमक और काली मिर्च : सेंधा नमक और काली मिर्च को बराबर मात्रा में मिलाकर पीस लें और सुबह और शाम आधा.आधा चम्मच इसका का सेवन करें। इस उपाय से अम्लपित्त शांत हो जाता है।
- अजवाइन : एक नींबू के रस में पिसी हुई अजवाइन के साथ मिलाकर पानी में घोलकर पीने से अम्लपित्त शांत हो जाता है।
- नारियल पानी : कच्चा नरियल का पानी पीते रहने से भी अम्लपित्त शांत हो जाता है।
- मुलेठी : मुलेठी का चूर्ण से बना काढ़ा पीने से अम्लपित्त शांत हो जाता है।
अम्लपित्त रोग में किन चीजों से परहेज करना चाहिए:
- तेज मिर्च मसाले वाली चीजों को ना खाएं।
- शराब से दूर रहें।
- अधिक गर्म काफी व चाय ना पीएं।
- मांसाहार का सेवन ना करें
- दही व छाछ का भी सेवन नहीं करना चाहिए।
- उडद व तुवर की दाल भी ना खाएं।
- अम्लपित्त के रोगी को चाय नुकसान पहुचाती है | अत: जब तक ये दोष दूर न हो जाए , चाय का प्रयोग नहीं करना चाहिये |