कान का दर्द
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कान का दर्द अत्यंत पीड़ादायक होता है। इसका इलाज जितनी जल्दी हो, उतना अच्छा होता है। कान की तकलीफ/दर्द का समय पर इलाज ना होने से हमारी सुनने की शक्ति पर असर पर सकता है।
कान का दर्द होने के कारण :-
- सर्दी लग जाना।
- लगातार तेज और कर्कष ध्वनि।
- कान में चोंट लगना।
- कान में कीडा घुस जाना या संक्रमण होना।
- कान में अधिक मैल(वाक्स) जमा होना
- नहाते समय कान में पानी प्रविष्ठ होना।
कुछ आसान से उपायों से हम कान के दर्द का स्वयं घर पर ही उपचार कर सकते है।
घरेलु उपाय :-
- लहसुन संस्कारित तेल कान पीडा में हितकर है। 10 मिलि तिल के तेल में 3 लहसुन की कली पीसकर डालें और इसे किसी बर्तन में गरम करें। छानकर शीशी में भरलें। इसकी 4-5 बूंदें कान में टपकादें। रोगी 10 मिनिट तक लेटा रहे। फ़िर इसी प्रकार दूसरे कान में भी दवा डालें। कान दर्द और बहरेपन में लाभ प्रद नुस्खा है।
- जेतुन का तेल मामूली गरम करके कान में डालने से दर्द में राहत होती है|
- मुलहठी कान दर्द में उपयोगी है। इसे घी में भूनें । बारीक पीसकर पेस्ट बनाएं। इसे कान के बाह्य भाग में लगाएं। कुछ ही मिनिट में दर्द समाप्त होगा।
- तिल के शुद्ध तेल में थोड़ी-सी अजवाइन को पकाकर छान ले| हल्का गुनगुना होने पर इस छाने हुए तेल की छह-सात बुँदे कान में टपकाए |
- प्याज को गर्म राख में भुनकर उसका पानी पिए| निचोड़कर कान में डाले, दर्द में आराम होगा |
- बच्चों के कान में पीब होने पर स्वस्थ स्त्री के दूध की कुछ बूंदें कान में टपकादें। स्त्री के दूध में प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करने के गुण विद्यमान होते हैं। उपकारी उपचार है।
- कान में पीब होने पर प्याज का रस लाभप्रद उपाय है। प्याज का रस गरम करके कान में 2-4 बूंदे डालें। दिन में 3 बार करें। आशातीत लाभकारी उपचार है।
- अजवाईन का तेल और तिल का तेल 1:3 में मिक्स करें। इसे मामूली गरम करके कान में 2-4 बूंदे टपकादें। कान दर्द में उपयोगी है।
- पांच ग्राम मैथी के बीज एक बडा चम्मच तिल के तेल में गरम करें। छानकर शीशी में भर लें। 2 बूंद दवा और 2 बूद दूध कान में टपकादें। कान पीप का उम्दा इलाज माना गया है।
- तुलसी की कुछ पत्तिया और लहसुन की एक कली पीसकर पेस्ट बनालें। इसे गरम करें। कान में इस मिश्रण का रस 2-3 बूंद टपकाएं। कान में डालते समय रस सुहाता गरम होना चाहिये। कान दर्द का तत्काल लाभप्रद उपचार है।