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पेचिश

पेचिश

पेचिश

स्वच्छता का ध्यान न रखना, हाथ धोकर भोजन न करना, पानी कम पीना, शौच के बाद साबुन से हाथ न धोना एवं सुरक्षित जल स्रोत का प्रयोग न करना पेचिश या आंव के रोग के कारण हैं। इसके अलावा यदि पेट में कुछ समय के लिए कच्चा या कम पचा भोजन भी रहे तो पेचिश हो सकता है।

पेचिश बडी आंत का रोग है। इस रोग में  बार-बार लेकिन थोडी मत्रा में मल होता है।  बडी आंत में सूजन और घाव हो जाते हैं।दस्त होते समय पेट में मरोड के साथ कष्ट होता है। दस्त पतला मद्धम रंग का होता है।दस्त में आंव और रक्त भी मिले हुए हो सकते हैं। रोग की बढी हुई स्थिति में रोगी को ज्वर भी आता है और शरीर में पानी की कमी(डिहाईड्रेशन) हो जाती है। चूंकि इस रोग में शरीर में पानी की कमी हो जाने से अन्य कई व्याधियां पैदा हो सकती हैं ,अत: सबसे ज्यादा महत्व की बात यह है कि रोगी पर्याप्त जल पीता रहे।

पेचिश के लक्षण :-

घरेलु उपाय :-

इनसे परहेज करें :-

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