अतिसार (दस्त)

जब शरीर में मौजूद धातुएं कुपित होकर जठराग्नि को मन्द बनाकर खुद मल में घुल जाती है, तब अपानवायु उन्हें नीचे की ओर धकेलती है, जिसके कारण वे गुदा मार्ग से वेग […]
Read moreआरोग्यं धन संपदा !!!
जब शरीर में मौजूद धातुएं कुपित होकर जठराग्नि को मन्द बनाकर खुद मल में घुल जाती है, तब अपानवायु उन्हें नीचे की ओर धकेलती है, जिसके कारण वे गुदा मार्ग से वेग […]
Read moreबच्चे हों या बड़े सब को पस्त कर देती है ये उल्टियाँ। उल्टी होना शरीर से विजातीय पदार्थ निकालने की एक शारीरिक प्रक्रिया है, मगर कभी कभी शरीर में संक्रमण होने से कुछ […]
Read moreपेट में कई बार तेज जलन होती है, कभी इतनी तेज होती है कि लगता है जैसे पेट में आग लग गई हो या भट्टी जल रही हो। यह जलन खान-पान पर […]
Read moreअजीर्ण रोग के प्रारंभ में रोगी को कुछ पता नहीं चलता। जब अजीर्ण के कारण भोजन की इच्छा नही होती, स्वादिष्ट खाद्य पदार्थो को देखकर अरूचि होती है और उदर हर समय […]
Read moreएसिडिटी रोग या अम्लपित्त से अधिकतर कई लोग परेशान होते हैं। और उन्हें यह समझ में नहीं आता है कि वे क्या करें। खाना खाने के बाद खट्टी डकार व पेट में […]
Read moreस्वच्छता का ध्यान न रखना, हाथ धोकर भोजन न करना, पानी कम पीना, शौच के बाद साबुन से हाथ न धोना एवं सुरक्षित जल स्रोत का प्रयोग न करना पेचिश या आंव […]
Read moreआजकल दुनिया कर हर दूसरा व्यक्ति पेट की गैस की बीमारी से परेशान है | गैस की बीमारी किसी को भी हो सकती है | गैस बनने का मुख्य कारण भोजन का […]
Read moreअपने व्यस्त जीवन के कारण आजकल मनुष्य अपने खानपान और स्वास्थ्य का बिलकुल भी ध्यान नहीं रख पाता जिसकी वजह से उसके जीवन में अनेक बिन बुलाएं रोग आने लगते है, साथ […]
Read moreहमारे पेट में कुछ परजीवी अपना आसरा बनाकर रहते हुए। कुछ शरीर से बाहर निवास करते हैं तो कुछ शरीर के अन्दर हमारे ही भोजन पर निर्भर रहते हैं। ये जीव अपनी […]
Read moreआधुनिक जीवन-शैली इस प्रकार की है कि भाग-दौड़ के साथ तनाव-दबाव भरे प्रतिस्पर्धापूर्ण वातावरण में काम करते रहने से व्यक्ति का नाभि चक्र निरंतर क्षुब्ध बना रहता है। इससे नाभि अव्यवस्थित हो […]
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